- lyricssy
- June 8, 2024
- Hindi Lyrics
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Title Kya Doon Lyrics Song Info
Title Kya Doon Lyrics
तू हिंदू बनेगा ना मुसलमान
बनेगा इंसान की औलाद है इंसान
बनेगा यो यो
यो बीस और मेरे साथ में एरा
[प्रशंसा]
एक कोई किसी को हिंदू बता किसी को मुस्लिम
बता रे कोई किसी को बुद्धिस्ट बता रे सिख
और ईसाई हेट क फैला रे कोई किसी का झंडा
जला रे कोई किसी का धंधा बना रेई किसी को
छतिया बना के झगड़े लगा के दंगल घड़ा रे
[Verse 01]
पैसा ये मांगता बली गरीब की गर्दन है
सामने कैसे तू मांगे इंसाफ मिलेगी हथकड़ी
हाथ में कौन सी फिर बड़ी अ जाद वो भी
इंसानियत के सामने फिर का के ये दंगे फसाद
तुम कर रेले धर्म के नाम पे वाइट कॉलर
गैंगस्टर कुर्ते में आते बोलते ये पब्लिक
को घुटने में आन दे भूखा जो मरेला ब में
जान दे फोटो ले अच्छी सी खबर में आन दे
अगले दिन बस्ती में लग गले वान दे
एंबुलेंस रोज वो एरिया में आम है तेरी जो
रात वो किसी की शाम है तेरी जो मस्ती वो
किसी का काम है या पैसा तो काला ही पसंद
इंसान फिर गोरा ही क्यों जवाब नहीं देते
सवालों का तो लफड़ा फिर होना ही क्यों ये
लड़ाते इनके आदमी तो अपन भड़क रले क्यों
ये ऑर्डर सब आता है ऊपर से पर जनता समझ र
नहीं क्यों किसी को हिंदू बता रे कोई किसी
को मुस्लिम बता रे कोई किसी को बुद्धिस्ट
बता रे सिख और ईसाई हेट की फाइल रे किसी
का झंडा जला रे कोई किसी का धंधा बना रे
कोई किसी को तिया बना के झगड़े लगा के
दंगल घड़ा
[Verse 02]
रे इंसानियत ये दे ये मुसलमान का खून ये
हिंदू का खून बता इस मुसलमान का कौन सा
हिंदू का कौन सा बता साले बनाने वाले ने
इसम भक नहीं किया करने वाला ये मंदिर जब
चालू था पंडित समाज से जब चालू था मौलाना
इन सबसे ज्यादा स्कूल होते देश में तो देश
अपना आगे बहुत ज्यादा इससे ज्यादा ले लो
घूम रे ले भाई लोग के भेस में भाई पटेल
कौन सा जो
भारत निलो की रोड से यटी देख तो फा बापा
के आगमन में डीजे पे कवाली खवाजा की छठी
में दीवाने हजर वार संदल और साई का भंडारा
धर्म और जात का बनाए लोग बजार इधर रो होती
प्रनामा आरती इंसान जात लालची स्वार्थी
गदार बाबा ना होती तो दलित का क्या हो है
इंसान धर्म में बोलता मैं हर बार कोई किसी
को हिंदू बता रे कोई किसी को मुस्लिम बता
रे कोई किसी को बुद्धिस्ट बता रे सिख और
ईसाई हेट की फैला रे कोई किसी का झंडा जला
रे कोई किसी का धंधा बना रे कोई किसी को
छतिया बना के झगड़े लगा के दंगल घड़ा
[संगीत]
[Verse 03]
रे लेट्स गो मैंने इंसान को मजहब पे लड़ते
तो देखा परन बाइबल कुरान गीता पढ़ते नहीं
देखा कोई किताब नहीं ऐसी जहां पे अहिंसा
और हिंसा के मार्ग का फर्क नहीं लिखा तो
काय को तुम लड़ र ले जा फत पे इधर
छोटे-छोटे बच्चे सब आसपास में अरे बड़ों
का छोड़ जाना बच्चों का सोच जो आने वाली
पीड़ तेरी बात मानते तेरे लेफ्ट साइड के
गंधे पे एंजल है और आट के कंधे पे हैवान
मेरे कंधे पे फैमिली का बर्डन है तो कैसे
क्या भटके शैतान भगवान शि के पास नाम आने
उनके कर्म र अच्छी और अच्छा बने इंसान
घमंड किस बात का और किसी जात का खुदा भी
वही और वही है भगवान कोई किसी को हिंदू
बता रे कोई किसी को मुस्लिम बता रे कोई
किसी को बुद्धिस्ट बता रे सिख और ईसाई हेट
क्यों फैला रे कोई किसी का झंडा जला रे
कोई किसी का धंधा बना रे कोई किसी को
छतिया बना के झगड़े लगा के दंगल घड़ा रे
कोई किसी को हिंदू बता रे कोई किसी को
मुस्लिम बता रे कोई किसी को बुद्धिस्ट बता
रे सिख और ई ट फला रे कोई किसी का झंडा
जलारे कोई किसी का धंधा बना रे कोई किसी
को तिया बना के झगड़ लगा के दंगल
घ ू मो महान सांग नी
लक्ष बोलायला शिका कारण अन्याय हा ने शांत
वक्ती होत असतो स नियम बली हा बक दिला
जातो वाचा